राजस्थान में कोरोना महामारी की भयावहता का अंदाजा इसी बात को लेकर लगाया जा सकता है कि अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार केवल उप जिला लेवल तक के अस्पतालों में ही हो रहा था लेकिन बढ़ते मरीजों को देखते हुए अब उन सभी सरकारी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार होगा, जो दस बैड क्षमता के हैं। यानी अब राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी कोरोना संक्रमितों का उपचार होगा, भले ही शहर से दूरस्थ इलाकों में हो।
इससे पहले चिकित्सा विभाग ने राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों से उनके पास उपलब्ध बैड, आॅक्सीजन सिलेंडरों की जानकारी मांगी थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को छोड़कर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दस से अधिक बैड क्षमता वाले हैं और सभी में आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। ऐसे में उन्हें क्षेत्रीय कोविड उपचार सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य भवनों में दो बैड प्रसूताओं के लिए छोड़े हैं और उनके लिए अलग कमरा आवंटित करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि अन्य सभी बैडों को कोविड मरीजों के उपचार के लिए तैयार किया गया है। अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले कोविड मरीजों को वहीं भर्ती किया जाएगा और आॅक्सीजन की व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी। इसके लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी खाली आॅक्सीजन सिलेंडरों को भरे सिलेंडरों रिप्लेस कर दिया गया है।
इस मामले में उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जिले के चालीस फीसदी कोरोना संक्रमित आ रहे हैं। इसके लिए उनका उपचार क्षेत्रीय अस्पताल में कराए जाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड उपचार सेंटर में तब्दील कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों तथा कोविड के उपचार में लगे उच्चाधिकारियों से बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि शहरों के साथ गांवों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में हैल्थ मशीनरी को पूरी तरह एक्टिव किए जाने की आवश्कता जताई। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह गांवों में संक्रमण बढ़ा तो उसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 151113047