राजस्थान नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम ने कोविड उपचार के लिए जमानत अर्जी पेश की है। आसाराम की कोरोना जांच में पॉजिटिव की पुष्टि हुई है और वह जोधपुर एम्स में भर्ती है। आसाराम ने हरिद्वार में आयुर्वेदिक उपचार के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय से जमानत मांगी है। हाईकोर्ट ने एम्स प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 13 मई को होगी। इस माह के विगत बुधवार को आसाराम को श्वास में तकलीफ की शिकायत पर जोधपुर की सेंट्रल जेल से महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया था, जहां जांच के बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था।
24 घंटे आईसीयू में बिताने के बाद उन्हें जोधपुर के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में रेफर कर दिया गया था। जहां उनका इलाज जारी है। 83 वर्षीय आसाराम की कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई है। न्यायाधीश संदीप मेहता और देवेंद्र कच्छवाहा की अदालत में आसाराम के वकील प्रदीप चौधरी ने सजा निलंबन और अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करते हुए कहा कि आसाराम कई बीमारियों से पीड़ित है और उन्हें कोरोना बीमारी के इलाज के लिए एम्स-जोधपुर में भर्ती कराया गया है।ऐसे में वह आयुर्वेदिक उपचार के लिए हरिद्वार में अपना इलाज चाहते है,जिसके लिए उन्हें दो माह की अंतरिम जमानत दी जाए। अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 13 मई को होगी। अपने ही गुरुकुल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आसाराम वर्ष 2013 से जोधपुर जेल में है, जहां वर्ष 2018 में आसाराम को जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने का आदेश अदालत द्वारा सुनाया गया है।गौरतलब है कि गत दिनों आसाराम की तबीयत बिगड़ने के साथ उन्हें जेल से गांधी अस्पताल लाने की इतना लगते ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक जोधपुर के गांधी अस्पताल क्षेत्र के आसपास देखे गए और समर्थकों ने अस्पताल में प्रवेश करने का प्रयास भी किया। यहां पुलिस ने दो महिलाओं को हिरासत में भी लिया इसके बावजूद बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थक उनकी एक झलक पाने के लिए अस्पताल में जाते देखे गए, जिनको पुलिस और सिक्योरिटी गार्ड द्वारा हटाया गया।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट