कभी मिल मजदूर थे अब कर्नाटक के राज्यपाल बनेंगे थावरचंद गहलोत
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फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया प्रदेश संवाददाता मध्य प्रदेश इन्दर परमार 151050061
मध्य प्रदेश उज्जैन जिले नागदा में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत कर्नाटक के नए राज्यपाल होंगे। उपलब्धियों का सफर आजीविका चलाने के लिए साइकिल के पंचर तक सुधारे सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं केंद्रीय मंत्री
सूचना मिलते ही नागदा सहित जिले भर में समर्थकों ने खुशी जाहिर की। तीन बार विधायक चार बार सांसद और 2012 से अभी तक राज्यसभा सदस्य रहे गहलोत का शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा रहा आजीविका चलाने के लिए गहलोत ने मिल मजदूरी के साथ ही साइकिल के पंचर सुधारने तक का काम किया बाद में सक्रियता सरलता और सहजता से कई सियासी उपलब्धियां हासिल की।केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत नागदा में 56 ब्लॉक में निवास करते हैं आज भी मंत्री 10 * 50 के घर में ही रहते हैं
थावरचंद गहलोत का जन्म 18 मई 1948 को नागदा के समीप गांव रूपेटा में हुआ था माता पिता नागदा के ग्रेसीम उद्योग मैं मजदूरी करते थे थावरचंद गहलोत 18 साल के हुए तो उन्होंने भी उद्योग में मजदूरी शुरू कर दी। इस दौरान अपनी पढ़ाई भी जारी रखें विक्रम विश्वविद्यालय से स्नातक किया। 1970 में उन्होंने भारतीय मजदूर संघ से नाता जोड़ा। मजदूरों के हित में कई आंदोलन में भाग लिया। आंदोलनों में सक्रियता के कारण उनकी नौकरी चली गई इसके बाद उन्होंने साइकिल के पंचर बनाने की दुकान लगाई।
1980 मैं पहली बार विधायक बने
70 के दशक में गहलोत जनसंघ के नेता मांगीलाल शर्मा के साथ जुड़ गए और आंदोलन में भाग लिया। एक बार वे शर्मा के लिए टिकट मांगने कुशाभाऊ ठाकरे के पास पहुंचे ठाकरे गहलोत के स्वाभाव को जानते थे। उन्होंने कहा कि तुम खुद आलोट से चुनाव लड़ो उस समय गहलोत के पास नामांकन दाखिल करने के लिए 2500 भी नहीं थे इस पर ठाकरे ने कहा था कि सब हो जाएगा। 1980 में गहलोत पहली बार आलोट से विधायक बने वे आलोट से तीन बार विधायक चुने गए।
लोकसभा के लिए 4 बार चुने गए -:
थावरचंद गहलोत 1996-97,1998-99 199-2004 ओर 2004 से 2009 तक देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र से लगातार चुनाव जीते इसके बाद 2012 से अब तक राज्यसभा सदस्य हैं राज्यसभा सदस्य रहते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी दी गई। उन्हें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सौंपा ग गया