उत्तराखंड में नहीं मिल रहे 15 हजार से कम वेतन वाले श्रमिक, यह है वजह!
- 151045804 - SHAHANOOR ALI
0
फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया जिला संवाददाता उधमसिंह नगर शाहनूर अली 151045804
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) योजना उत्तराखंड में सुस्त पड़ गई है। पिछले तीन साल में महज 34,553 श्रमिकों ही इस योजना से जोड़े गए हैं। जबकि, इस साल मार्च से अब तक केवल 57 श्रमिक ही योजना में शामिल हुए हैं। आलम ये है कि उत्तराखंड राज्य इस समय योजना का लाभ देने के मामले में पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश और हिमाचल से भी पीछे है। मतलब अब जिम्मेदार विभागों को राज्य में 15 हजार से कम वेतन वाले श्रमिक मिल ही नहीं रहे।
पीएम-एसवाईएम योजना में रिक्शा चालक, स्ट्रीट वेंडर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा, मोची, कूड़ा बीनने, घरेलू कामगार, वॉशर समेत 127 तरह के कार्यों से जुड़े हैं। योजना के तहत असंगठित श्रमिक को 60 वर्ष पूरा होने पर पेंशन के तौर पर प्रतिमाह तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। उत्तराखंड में इस तिथि से आठ मार्च 2020 तक यानी एक साल में 33,205 श्रमिक इस योजना से जोड़े गए, लेकिन इसके बाद आठ मार्च 2020 से 21 जून 2021 तक महज 1348 श्रमिक ही योजना से जुड़ सके। वहीं, हरियाणा में 8 लाख, यूपी में 6.25 लाख, महाराष्ट्र में 5.88 लाख जुड़े।
ये बताई जा रही योजना की सुस्त रफ्तार की वजह
योजना की सुस्त रफ्तार के कई कारण हैं। सबसे पहला कारण यह भी है कि 60 साल बाद पेंशन के तौर पर मिलने वाली महज 3000 रुपये की धनराशि। वहीं दूसरा कारण यह भी है कि योजना का लाभ उन श्रमिकों को नहीं मिल सकता जो ईएसआई, पीएफ, इनकम टैक्स भर रहे हैं। केवल उन्हीं को लाभ मिलना है जिन्हें प्रतिमाह 15000 रुपये या इससे कम वेतन मिलता है।
3% श्रमिक ही लाभान्वित
राज्य में अब तक असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों का सर्वे पूरा नहीं हो सका है। एक अनुमान के तौर पर उत्तराखंड में ऐसे श्रमिक 10 से 15 लाख तक हो सकते हैं। पीएम-एसवाईएम से केवल 3% श्रमिक ही लाभान्वित हो सके हैं।
योजना की जानकारी देने के लिए श्रम विभाग कैंप आयोजित करता है। जिसके माध्यम से भी श्रमिक योजना से जुड़े हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण भी योजना से श्रमिकों को नहीं जोड़ा जा सका।