मुंबई में लगातार दूसरे दिन तेज बारिश
देश में मानसून बहुत तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। मंगलवार को यह तेजी से आगे बढ़ते हुए पश्चिमी तट पर अलीबाग से पुणे तक और पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा, पश्चिम बंगाल और हिमालयी इलाके में बागडोगरा तक पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक दो से तीन दिन में पश्चिम में मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र और पूर्व में कोलकाता में मानसून दस्तक देगा।
मुंबई में मानसून अगले 2-3 दिन में दस्तक देगा। मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून मुंबई और कोलकाता में एक साथ पहुंचने की उम्मीद है। अभी मुंबई में प्री-मानसूनी बारिश हो रही है। इस हफ्ते मुंबई और अन्य तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
मुंबई और कोलकाता में मानसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख 11 जून है। इसी के साथ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के बचे हुए सभी हिस्सों में मानसून सक्रिय हो जाएगा। अगले 4-5 दिन में छत्तीसगढ़, विदर्भ, बिहार, झारखंड, गुजरात, तेलंगाना समेत करीब 14 राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक 10 जून के बाद पूर्वी भारत और उससे लगे मध्य भारत में खास कर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गांगीय क्षेत्र में, 11 जून को बंगाल और बिहार, 11-12 जून को पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में इस मानसून का पहला कम दबाव का क्षेत्र तैयार हो रहा है। इसके असर से ओडिशा, सिक्किम, झारखंड, बिहार, पूर्वी यूपी, एमपी और गुजरात के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंच जाएगा।
दूसरी ओर दक्षिणी गुजरात के तट पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके असर से कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में 11-13 जून के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में 8 जून तक करीब 33.6 मिमी बारिश हो चुकी है जो, 1 से 8 जून तक होने वाली सामान्य औसत बारिश (28.3 मिमी) से 18% (5.3 मिमी) ज्यादा है।
कोलकाता में मई महीने में यास तूफान की वजह से औसत से 3 गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है। जून के पहले हफ्ते में भी प्री-मानसूनी बारिश जारी है। उधर, मुंबई में जून में बारिश का सामान्य औसत 493.1 मिमी है, जबकि बीते 8 दिन में वहां कुल 135.3 मिमी बारिश हो चुकी है। 13 से 15 जून के दौरान मुंबई में भारी से बहुत बारिश होने की संभावना है, जिससे मुंबई के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है।
मौसम विभाग के एक जून को जारी लॉन्ग रेंज फोरकास्ट के मुताबिक इस बार भोपाल सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश में पूर्वी हिस्से से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसकी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर वाली दोनों ब्रांच सक्रिय हैं। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक बंगाल की खाड़ी वाली ब्रांच एक ही दिन में उत्तर-पूर्वी हिस्से को कवर कर चुकी है।
यही रफ्तार रही तो 11 साल में ऐसा दूसरी बार होगा, जब मानसून तय समय यानी 20 जून के पहले भोपाल पहुंच जाएगा। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि 11 जून को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र भी बनने के आसार हैं। अरब सागर में भी कई सिस्टम सक्रिय हैं। इससे मानसून को रफ्तार मिलेगी। इससे पहले 2013 में मानसून 10 जून को भोपाल पहुंचा था।
भोपाल में मंगलवार को मौसम का मिजाज बिल्कुल अलग था। सुबह तेज धूप और उमस थी। शाम होते-होते बदरा फिर उमड़-घुमड़ पड़े और शहर के कई इलाकों में तेज बारिश होने लगी। एक घंटे में डेढ़ इंच बारिश से पूरा शहर तरबतर हो गया। इसके बाद रात 8:30 बजे ज्यादातर इलाकों में 40 की रफ्तार से हवा चली। इस कारण नए और पुराने शहर कोलार और भेल टाउनशिप कि 70 कॉलोनियों में देर रात तक बिजली गुल रही।