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नगर निगम मेें अनियमितता:दोनों निगमों में 60% पद खा
  • 151126609 - ANKUSH NAGAR 0



राजस्थान के कोटा जिले के अंतर्गत शहर में अगले महीने दाेनाें नगर निगमाें के बाेर्ड बन जाएंगे। शहर के विस्तार और जनसंख्या के हिसाब से वार्डाें और पार्षदाें की संख्या ताे बढ़ गई, लेकिन दाेनाें ही जगह स्टाफ हर माह घटता जा रहा है। नया बोर्ड बनने के बाद हालात ये हो जाएगी कि मंत्रालयिक कर्मचारियों से ज्यादा पार्षद हाे जाएंगे। निगम के जनता से जुड़े कार्याें के लिए उत्तर निगम के पास 19 एलडीसी व 40 यूडीसी बचे हैं वहीं दक्षिण के पास 11 यूडीसी व 40 एलडीसी बचे हैं। ओएस के पद संविदा पर चल रहे हैं। निगम में 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं। नई भर्ती नहीं हाे रही है। इसका नतीजा ये होगा कि नए बोर्ड को छोटे-मोटे काम करवाने में भी परेशानी आएगी क्योंकि कागजी कार्रवाई मंत्रालयिक कर्मचारियों के भरोसे ही होती है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला कि दोनों निगमों में कर्मचारियों और अधिकारियों के पद भरने में हर साल करीब 40 करोड़ का भार आएगा। मौजूदा हालात में दोनों निगम ये भार उठाने की स्थिति में नहीं हैं। क्योंकि निगमों के पास आमदनी से ज्यादा खर्च का भार है। दोनों निगमों को इस बार सरकार से अनुदान के 117-117 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें से उत्तर में 88 करोड़ और दक्षिण में 90 करोड़ वेतन पर ही खर्च हो जाएंगे। वहीं सफाई, सड़कों की मरम्मत, पार्कों के रखरखाव जैसे कामों के लिए बची रकम खर्च हो जाएगी। काेराेना काल में कई सारी व्यवस्थाएं राेड लाइटें, पार्क आदि की पटरी से उतरी हैं, ऐसे में दाेनाें बाेर्ड काे कम स्टाफ, आय के सीमित संसाधनाें की कमी की चुनाैतियां विरासत में मिलेगी। यहां से पार पा गए तो बजट के संकट से जूझना पड़ेगा। इस बार मंत्रालयिक कर्मचारियों से ज्यादा हो जाएंगे पार्षद नए बोर्ड बनने के बाद दोनों निगमों में कर्मचारियों और अधिकारियों से ज्यादा पार्षद हो जाएंगे। मौजूदा स्थिति में दोनों निगमों में 137 मंत्रालयिक कर्मचारी हैं, जबकि नए बोर्ड में कुल 150 पार्षद होंगे। निगम में कई प्रमुख अधिकारियाें व कर्मचारियाें के पद रिक्त हुए हैं। दाेनाें निगमाें में आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त व उपायुक्त के पद ताे भर गए, लेकिन जिनसे काम करवाना है वाे अधीनस्थ अधिकारियाें व कर्मचारियाें के पद खाली पड़े हुए हैं। पार्कों को सुधारने पर खर्च होंगे 13.89 करोड़ नगर निगम के पास शहर में करीब 250 पार्क हैं। प्रशासक काल में पार्काें में लगे अस्थायी कर्मचारियाें काे भी हटा दिया गया। लाॅकडाउन के दाैरान पार्क बंद रहे, अब उनको मेंटेन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। उत्तर और दक्षिण के गार्डन पर 13.89 कराेड़ खर्च हाेंगे। इसमें वेतन पर 7.20 कराेड़, पाैधे व बीज की खरीद पर 30 लाख, औजारों पर 16 लाख, कंटीजेंसी अनुबंध पर 6 कराेड़ व पानी के बिल का भुगतान पर 16 लाख रुपए खर्च हाेता है। सड़कों से आवारा पशुओं को हटाना आवारा पशुओं की समस्या पिछले दाे बाेर्डाें से आने वाले बाेर्ड काे विरासत में मिलती रही है। इस बार भी दाेनाें नए बाेर्ड काे ये विरासत में मिलेगी। हालांकि शहर से पशुओं काे हटाने के लिए यूआईटी देवनारायण याेजना लेकर आई है, लेकिन ये कब पूरी हाेगी और कितनी कारगर हाेगी, अभी नहीं कहा जा सकता। इस याेजना से भी केवल गायाें व भैंसाें की समस्या खत्म हाेगी। स्ट्रीट डाॅग्स, सुअराें व बंदराें की समस्या ताे निगम बाेर्ड काे ही दूर करनी हाेगी। स्वच्छता सर्वे की रैंकिंग में सुधार की मुश्किल स्वच्छता रैंकिंग में काेटा सफाई में पीछे से 5 वें स्थान पर है। सफाई व्यवस्था पर हर वर्ष 60 से 80 कराेड़ रुपए खर्च हाेने के बाद भी काेई संतुष्ट नहीं है। पार्षद तक संतुष्ट नहीं थे। ये समस्या भी पिछले 2 बाेर्डाें से अगले बाेर्ड काे विरासत में मिल रही है। नए बाेर्ड के सामने काेटा की सफार्ई व्यवस्था सुधारने और स्वच्छता रैंकिंग में काेटा काे स्वच्छ शहराें की अग्रिम पंक्ति में लाने की चुनाैती रहेगी। आय के साधन बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती : आय के मामले में यूं ताे दाेनाें ही नगर निगम की स्थिति अच्छी नहीं है। खर्च ज्यादा और आमदनी कम है। उसके बाद भी दक्षिण के पास उत्तर की अपेक्षा आय के साेर्स अधिक हैं। पिछले साल निगम की शुद्ध आय 70 कराेड़ थी। चुंगी पुनर्भरण के रूप में निगम काे राज्य सरकार से अनुदान मिलता है, तब जाकर निगम के कर्मचारियाें व अधिकारियाें के वेतन-भत्ते मिल पाते हैं। इस साल दाेनाें निगम काे 117-117 कराेड़ अनुदान मिलना प्रस्तावित है। ऐसे में निगम के नए बाेर्ड काे आय के संसाधन बढ़ाने पर जाेर देना हाेगा। नहीं ताे हर काम के लिए बजट की कमी आड़े आएगी। देखे कोटा से अंकुश नागर की रिपोर्ट 151126609

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तिरुवनंतपुरम - अगर कांग्रेस कुछ नहीं तो पीएम मोदी डरते क्यों हैं.... दूसरे चरण के चुनाव से पहले खरगे ने बीजेपी के खिलाफ खोला मोर्चा     नई दिल्ली - Umang APP से चंद मिनटों में निकाल पाएंगे PF का पैसा     नई दिल्ली - आज घोषित होंगे एमपी बोर्ड हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री के नतीजे, MPBSE अध्यक्ष करेंगे घोषणा     नई दिल्‍ली - हम अपनी कमजोरी नहीं, इस कारण हारे, Ruturaj Gaikwad ने शिकस्‍त के लिए ठहराया दोषी     आगरा - ब्रज में लापता ‘जातियों का गुरूर’ कहीं विकास के सुबूत से आस तो कहीं चेहरा पैरोकार     नई दिल्ली - RBI ने महाराष्‍ट्र के इस बैंक पर लगा दीं कई पाबंदियां, खातों से एक रुपया भी नहीं निकाल सकेंगे ग्राहक