तालाबों की पाल को दुरुस्त करवाने की मांग:क्षतिग्रस
- 151118124 - UDAY SINGH NAGAR
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राजस्थान क्षेत्र के सिंचाई विभाग के अधीन छह तालाब कम बारिश व सीपेज की वजह से खाली रह गए। इस वर्ष औसत से भी कम बारिश होने से तालाब में पानी की आवक बहुत कम होने से पूरी क्षमता से तालाब नहीं भरे हैं।वहीं प्रशासन की अनदेखी के चलते मरम्मत के अभाव में तालाबों की पाल क्षतिग्रस्त होने से पानी का रिसाव होने से व्यर्थ बह गया। जबकि क्षेत्र में ऐसे कई तालाब हैं जिनकी देखरेख सही ढंग से हो तो क्षेत्र में किसानों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े। तालाबों में पानी का भराव होने से तेजी से गिरते भूजल स्तर में वृद्धि हो तथा सिंचाई का रकबा बढ़ सकता है। जिससे क्षेत्रवासियों की उपज बढ़ने के कारण किसानों को लाभ मिल सकता है।सिंचाई विभाग के तालाबों की भराव क्षमता: क्षेत्र के खटका का तालाब की भराव क्षमता 14 फीट है, लेकिन मात्र 4 फीट ही पानी का भराव हुआ है। रातई तालाब की भराव क्षमता 20 फीट है, लेकिन मात्र 17 फीट ही भराव हुआ है। नारायणखेड़ा तालाब की भराव क्षमता 5.16 मीटर है, लेकिन एक मीटर ही पानी का भराव हो पाया है, वह भी सीपेज होने के कारण अब मात्र 50 सेंटीमीटर ही रह गया है। सेमली फाटक तालाब की भराव क्षमता 16.4 फीट है और तालाब में अभी 16.4 फीट का भराव हो गया है। सहरोल तलेटी के वेदरा तालाब की भराव क्षमता 11.7 फीट है, लेकिन 5.10 फीट भराव हुआ है। खिरिया तालाब की भराव क्षमता 6 मीटर है, लेकिन अभी 5.50 मीटर ही पानी है। इन तालाबों के हालात देखकर क्षेत्र के राजमल मेहता, दीपा मेहता, विमल मेहता, राजेश मेहता, सुरेश मेहता, मोहन राठौर आदि ने तालाबों की पाल से बह रहे व्यर्थ पानी को रोकने के लिए कलेक्टर से तालाबों की पाल को दुरुस्त करवाने की मांग की है।
देखे बारां से उदयसिंह नागर की रिपोर्ट 151118124