रेल मंत्रालय का अजीब जवाब:बैंक डिटेल सही नहीं, इसल
- 151113047 - JAYLAL NAGAR
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राजस्थान भारी विरोध के चलते रेलवे ने बतौर परीक्षा शुल्क वसूली गई राशि लौटाने की हामी तो भर ली, लेकिन 15 लाख अभ्यर्थियों को अभी तक यह राशि नहीं लौटाई जा सकी है। एक अभ्यर्थी के लिहाज से तो यह राशि बेहद कम है, इससे प्रभावित लोगों की संख्या बेहद ज्यादा है और अमाउंट भी करीब 50 करोड़ है। पिछले दो साल से यह अभ्यर्थी धनराशि की उम्मीद में बैठे हैं। उधर, रेल मंत्रालय का कहना है कि अभ्यर्थियों के बैंक खातों की डिटेल में त्रुटियां पाए जाने की वजह से यह राशि नहीं लौटाई जा सकी है।
रेलवे ने सहायक लोको पायलट, तकनीशियन, आरपीएफ सब इंस्पेक्टर एवं कांस्टेबल, जूनियर इंजीनियर, डीएमएस, ट्रैकमेन, खलासी, हेल्पर सहित अन्य के लिए करीब एक लाख 12 हजार 575 पदों पर अलग-अलग भर्तियां निकाली थीं। 3 करोड़ 35 लाख 68 हजार 127 युवओं ने आवेदन किया था।
रेलवे ने बतौर आवेदन शुल्क 1242.94 करोड़ रुपए की वसूली की। विरोध के बाद रेलवे ने तय किया कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में बैठने वाले अभ्यर्थियों को बैंक खर्च की राशि काट कर लौटा दी जाएगी। रेलवे ने 621.46 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं, लेकिन करीब 14 लाख 73 हजार 462 अभ्यर्थियों का जमा शुल्क नहीं लौटाया है, यह राशि 50 करोड़ रुपए तक है।
रेलवे मंत्रालय ने पिछले दिनों राज्य सभा को यह जानकारी है। रेल मंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया है- कुछ अभ्यर्थियों के बैंक विवरण सही नहीं होने से रिफंड नहीं दिया जा सका। यप्रथम चरण सीबीटी में उपस्थित हुए अभ्यर्थियों को सही विवरण देने के अवसर प्रदान किए गए थे। 15 लाख अभ्यर्थियों का शुल्क नहीं लौटाया है।
दरअसल सारी गफलत इसलिए, राहत के नाम पर घटाया शुल्क
रेलवे की 2018 में निकाली गई 5 भर्तियों में एससी, एसटी, एक्स सर्विस मैन, दिव्यांग व्यक्ति, महिला, विपरीत लिंग, अल्पसंख्यक, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 250 रुपए शुल्क वसूला। पहले नहीं लिया जाता था। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का परीक्षा शुल्क 100 से बढ़ा कर 500 रुपए कर दिया।
विरोध हुआ तो तय किया कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 400 रुपए और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को पूरा शुल्क लौटा दिया जाएगा। हालांकि, बैंक प्रभार काट कर यह धनराशि लौटाई जाएगी।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 151113047