मौसम के तल्ख तेवर से बढ़ी बेचैनी, प्रचंड गर्मी
- 151108554 - SUNIL KUMAR SHARMA
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बलिया : कोरोना वायरस के बीच भीषण गर्मी ने आमजन के जीवन को मुश्किल में डाल दिया है। तीन दिनों से उमस भरी गर्मी के बीच सोमवार को पछुवा के गर्म हवाओं ने लोगों को घरों से बाहर निकलने से ही रोक दिया। मजबूरी में ही लोग घरों से बाहर निकले। प्रचंड गर्मी से पूरे दिन मानव संग जीव जंतु बेहाल रहे। लोगों को न घर के अंदर आराम मिल रहा था और न ही बाहर। मकानों की दीवारों से आंच निकलती रही। वहीं धूप में बाहर निकलते ही लोग झुलस जा रहे थे। सोमवार को जनपद का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम के तल्ख तेवर व भीषण गर्मी के कारण पूरे दिन लोग पसीने से तरबतर रहे। सुबह से ही सूर्यदेव के तेवर तल्ख रहे। दिन चढ़ने के साथ ही भगवान भास्कर के तेवर और तल्ख हो गए। बाहर निकलते ही लोग झुलसने लगे। दोपहर तक तो हर कोई बेहाल दिखा। पेड़ की छांव के नीचे ही लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिल रही थी। गर्म हवा चलने से और भी मुश्किलें बढ़ जा रही थीं। सबसे अधिक दिक्कत मजदूर वर्ग को हुई। भीषण गर्मी के बीच भी वे अपना काम करते रहे। शहर क्षेत्र में बिजली कट जाने पर लोगों की परेशानियां बढ़ जा रही थी। बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में गर्म रहेगा मौसम
पर्यावरण एवं भूगोलविद् डा. गणेश कुमार पाठक ने बताया कि बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में इस नौतपा काल में मौसम की स्थिति को देखें तो यह क्षेत्र काफी गरम रहेगा। कारण कि इस क्षेत्र में प्राकृतिक वनस्पतियां नहीं के बराबर हैं। बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, वाराणसी , संत रविदासनगर एवं जौनपुर जिलों में कुल क्षेत्रफल के क्रमश: मात्र 0.01, 0.04, 0.31, 0.03, 0.00 एवं 0.17 प्रतिशत वन है, जो नहीं के बराबर है। वहीं चंदौली, मीरजापुर एवं सोनभद्र में यह क्रमश: 30.55, 24.14 एवं 47.84 प्रतिशत वन क्षेत्र है। कुल भूमि के 33 प्रतिशत भाग पर वनों का होना आवश्यक है। इन जनपदों में धरातलीय जल एवं भूमिगत जल दोनों की स्थिति अच्छी नहीं है। इससे इन क्षेत्रों में गर्मी को बढ़ाने वाली हैं किन्तु पश्चिमी विक्षोभ के चलते इन क्षेत्रों में भी राहत मिलने की संभावना व्यक्त की जा सकती है।